राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा बंद होने के खिलाफ प्रदर्शन जारी

राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बंद होने की खबर के बाद प्रदर्शनों व चक्का जाम का सिलसिला पिछले तीन दिनों से जारी है। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्ख अपने बयानों में कह चुके हैं कि जो भी जरूरी कदम होंगे वह अस्पताल के पक्ष में उठाए जाएंगे। लेकिन व्यास प्रबंधन का कहना है कि इस तरह की बातें पिछले 20 वर्षों से हम सुन रहे हैं ना तो भाजपा और ना ही कांग्रेस ने इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रयास किया। अब अगर 30 नवंबर तक लिखित में कोई फैसला नहीं होता है तो अस्पताल को पहली दिसंबर से बंद कर दिया जाएगा।


बता दें कि राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल हमीरपुर ऊना व बिलासपुर के लगभग 1000 गांवो के तीन लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है। हर महीने 300 से 400 आंखों के मुफ्त ऑपरेशन के अलावा लोगों को सस्ती दरों पर दवाइयां मिलती हैं। लोगों के मुताबिक जिला के सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है वहां पर हमें धक्के खाने पर मजबूर होना पड़ता है तथा समय पर इलाज भी नहीं मिल पाता और महंगी दरों पर दवाइयां मिलती हैं। ऐसे में अगर यह अस्पताल लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है तो इसके पक्ष में फैसला होना चाहिए।

"भोटा अस्पताल पर सुभाष ढटवालिया का भाजपा पर हमला"
भोटा अस्पताल पर सुभाष ढटवालिया का भाजपा पर हमला


बता दें कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक धार्मिक संस्था है। इस समय सत्संग ब्यास के तीन अस्पताल महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी के नाम से व्यास सिकंदरपुर और भोटा में चल रहे हैं। नो प्रॉफिट नो लॉस पर चलने वाले यह अस्पताल वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर युक्त होते हैं। बिना सिफारिश बिना अटेंडेड मुफ्त इलाज के कारण भोटा अस्पताल में 1000 की ओपीडी रोज होती है। यही कारण है कि इतनी सुविधा युक्त अस्पताल को जनता बिल्कुल नहीं खोना चाहती ।

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