बस चालकों की मनमानी से यात्री परेशान

अवाहदेवी (हमीरपुर) – रविवार को निजी बसों के मनमाने संचालन से यात्री काफी परेशान हो रहे हैं। अवाहदेवी से बस्सी वाया चंबोह, जौह, बधानी रूट पर रविवार को कोई भी बस नहीं चलती है। इस रूट पर अन्य दिनों में करीब आधा दर्जन निजी बसें नियमित रूप से चलती हैं, जिससे यात्रियों को परिवहन में कोई समस्या नहीं होती। हालांकि, रविवार को बसों का संचालन बंद होने से यात्री परेशान हो जाते हैं और उन्हें वैकल्पिक परिवहन का सहारा लेना पड़ता है।

इसके अलावा, अवाहदेवी से पट्टा रूट पर भी रविवार को बसों का संचालन कम हो जाता है। यहाँ तक कि एचआरटीसी (हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) की बसें भी बहुत कम संख्या में चलती हैं। इससे न केवल आम यात्री, बल्कि श्रद्धालु भी कठिनाई में पड़ जाते हैं। अवाहदेवी में स्थित माता जालपा का मंदिर सैकड़ों परिवारों के लिए कुलदेवी का स्थान है, और खासकर रविवार के दिन श्रद्धालु मंदिर में अपनी मन्नत चढ़ाने आते हैं। जब बसें नहीं चलतीं, तो इन श्रद्धालुओं को टैक्सियों का सहारा लेना पड़ता है, जो कि न केवल महंगा होता है, बल्कि बहुत अधिक समय भी व्यर्थ जाता है।

ग्राम पंचायत चंबोह के प्रधान विपिन कुमार, वेद प्रकाश गर्ग, केहर सिंह, कश्मीर सिंह, रोशन लाल, राजेश कुमार, राकेश शर्मा, मनोज कुमार, प्रीतम सिंह और दीना नाथ जैसे क्षेत्रीय नेताओं ने प्रशासन से अपील की है कि रविवार को नियमित रूप से बसों का संचालन सुनिश्चित किया जाए। उनका कहना है कि रविवार को बसों की नियमित सेवा से न केवल आम यात्रियों को बल्कि श्रद्धालुओं को भी बहुत राहत मिलेगी, और वे बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

इन नेताओं ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि एचआरटीसी की बसों की संख्या बढ़ाई जाए और निजी बस संचालकों के मनमाने संचालन पर रोक लगाई जाए, ताकि जनता को सही समय पर परिवहन मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं की भारी संख्या को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाना जरूरी है, ताकि रविवार को होने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय नागरिकों और नेताओं की ओर से की गई यह अपील प्रशासन की जिम्मेदारी को और बढ़ाती है। अगर प्रशासन समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं करता है तो क्षेत्रीय जनता को इससे होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कब तक कार्रवाई करता है और अवाहदेवी व आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों के लिए राहत की कोई व्यवस्था की जाती है।

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