बृजेश्वरी देवी मंदिर, कांगड़ा: शक्ति और आस्था का संगम

परिचय

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित बृजेश्वरी देवी मंदिर भारत के प्रसिद्ध शक्ति स्थलों में से एक है। यह मंदिर देवी वज्रेश्वरी (दुर्गा का रूप) को समर्पित है और मान्यता है कि यहां माँ शक्ति की अद्भुत कृपा बरसती है। यहाँ आने वाले भक्त सिर्फ दर्शन ही नहीं, बल्कि अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव भी करते हैं।

पौराणिक कथा: माँ शक्ति का आशीर्वाद

प्राचीन कथाओं के अनुसार, जब राजा दक्ष के यज्ञ में माता सती ने स्वयं को भस्म कर लिया, तब भगवान शिव ने उनके शरीर को उठाकर तांडव नृत्य शुरू कर दिया। इससे संपूर्ण ब्रह्मांड असंतुलित होने लगा। तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया। कहते हैं कि माँ सती का दाहिना वक्ष (स्तन) इसी स्थान पर गिरा, और इस स्थान को शक्ति पीठ का दर्जा मिला। यहाँ माँ शक्ति को बृजेश्वरी देवी के रूप में पूजा जाता है।

इतिहास और आक्रमणों की कहानी

यह मंदिर अपनी भव्यता और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन समय-समय पर इसे आक्रमणकारियों ने लूटा और नष्ट भी किया।

  • 1009 ईस्वी में महमूद गज़नवी ने इस मंदिर पर आक्रमण कर इसे लूट लिया और तोड़फोड़ की।
  • बाद में, राजा मान सिंह और मुगल सम्राट अकबर ने इसे फिर से बनवाया।
  • 1905 के कांगड़ा भूकंप में मंदिर को फिर नुकसान पहुँचा, लेकिन इसे भक्तों के सहयोग से पुनर्निर्मित किया गया।
मंदिर की विशेषताएँ
  • मकर संक्रांति पर विशेष श्रृंगार: इस दिन देवी को मक्खन का लेप लगाया जाता है। मान्यता है कि महिषासुर से युद्ध के दौरान माँ को चोट लगी थी, और देवताओं ने उनके घावों को भरने के लिए मक्खन लगाया था।
  • कांगड़ा के पहाड़ों के बीच स्थित: इस मंदिर में आने वाले भक्तों को प्रकृति की गोद में दिव्यता का अनुभव होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र: मान्यता है कि जो भी यहाँ सच्चे मन से आता है, उसकी सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

बृजेश्वरी देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि शक्ति, भक्ति और साहस का प्रतीक है। यह मंदिर कई आक्रमणों और प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद अडिग खड़ा है और भक्तों को माँ की असीम कृपा का अनुभव कराता है। अगर आप कभी कांगड़ा जाएँ, तो इस दिव्य स्थान के दर्शन जरूर करें और माँ की कृपा प्राप्त करें।

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