मुख्यमंत्री सुक्खू ने सड़क सुरक्षा के लिए 27 पुलिस मोटरसाइकिलों को झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को शिमला में 27 पुलिस मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाई।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को यहां अपने सरकारी आवास ओक ओवर से सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए 27 पुलिस मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाई। इनमें से 14 मोटरसाइकिलें कांगड़ा जिला पुलिस को, जबकि 13 मोटरसाइकिलें मंडी जिला पुलिस को दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त, आने वाले दिनों में शिमला, नूरपुर, मंडी और कांगड़ा के पुलिस जिलों को बचाव कार्यों के लिए 42 चौपहिया वाहन, 14 इंटरसेप्टर वाहन और 10 रेस्क्यू वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।

इन चार पुलिस जिलों के लिए 3,373 सड़क सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए 90 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। अब तक पुलिस विभाग को 5.71 करोड़ रुपये की लागत से 1,200 से अधिक उपकरण प्रदान किए जा चुके हैं। शिमला में एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली की स्थापना के लिए लगभग 60 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस प्रणाली को शिमला, कांगड़ा और मंडी जिले में 450 से अधिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित गति और निगरानी कैमरों के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे पुलिस राज्य में यातायात नियमों की डिजिटल निगरानी की ओर बढ़ सकेगी। इसके अलावा, 34.66 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ एक सामूहिक कार्य योजना तैयार की गई है।


इस योजना के तहत, शिमला जिले में 20 प्रतिशत सबसे असुरक्षित लिंक रोड नेटवर्क पर सुरक्षा सुधार सुनिश्चित किए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभाग इस पहल को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सहयोग करेंगे। सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए राज्य के सात जिलों में एक गुड सेमेरिटन कानून जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत, 300 से अधिक पुलिस और होमगार्ड कर्मियों को बुनियादी जीवन समर्थन तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त, 200 से अधिक पुलिस अधिकारियों ने यातायात सुरक्षा प्रवर्तन और सड़क दुर्घटना जांच तकनीकों में व्यापक प्रशिक्षण लिया है। पहली बार, हिमाचल प्रदेश में लगभग 7,500 किलोमीटर सड़कों के लिए एक iRAP (अंतर्राष्ट्रीय सड़क मूल्यांकन कार्यक्रम) सर्वेक्षण किया गया है। इस सर्वेक्षण के आधार पर, सड़कों को सुरक्षा मानकों के अनुसार रेट किया गया है। 3,200 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 10 वर्षीय सुरक्षित सड़क निवेश योजना तैयार की गई है, जिसमें लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों को शामिल किया जाएगा।

सरकारी पहलों का सकारात्मक प्रभाव
पिछले दो वर्षों में वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, सड़क दुर्घटनाओं और हताहतों की संख्या में कमी दर्ज की गई है और हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 6.48 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2023 में 2,253 दुर्घटनाएं थीं, जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या घटकर 2,107 रह गई। मृत्यु दर में भी सुधार हुआ है, वर्ष 2023 में 892 मौतें दर्ज की गईं, जो वर्ष 2024 में घटकर 806 हो गईं। राज्य सरकार ने कई सुधारात्मक उपायों को लागू करके सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी है, जिससे यह सुधार हुआ है।

इस अवसर पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान, एसीएस केके पंत, डीजीपी अतुल वर्मा और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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