हमीरपुर का प्राचीन गसोता महादेव मंदिर: आस्था, इतिहास और रहस्य

हिमाचल प्रदेश का हमीरपुर जिला, न सिर्फ़ अपनी शिक्षा और सेना में योगदान के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां के धार्मिक स्थल भी अत्यंत प्रसिद्ध हैं। उन्हीं में से एक है गसोता महादेव मंदिर, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर हमीरपुर शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है और शिवभक्तों के लिए एक प्रमुख आस्था केंद्र है।

गसोता महादेव मंदिर का इतिहास

गसोता महादेव मंदिर का निर्माण सैकड़ों वर्ष पूर्व हुआ था। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर एक साधु को शिवलिंग के दर्शन हुए थे और तभी से यहाँ शिव की पूजा शुरू हुई। इस मंदिर का शिवलिंग स्वयंभू माना जाता है, यानी यह प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुआ है और इसकी उत्पत्ति का रहस्य आज भी लोगों को चमत्कृत करता है।

मंदिर की विशेषताएं

प्राकृतिक वातावरण: मंदिर के चारों ओर हरियाली और शांत वातावरण है, जो मन को शांति प्रदान करता है।

श्रावण मास में भारी भीड़: श्रावण मास के दौरान यहाँ हज़ारों भक्त जल चढ़ाने आते हैं।

शिवरात्रि महोत्सव: शिवरात्रि के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन होता है जिसमें स्थानीय कलाकार और श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं

पवित्र जलकुंड: मंदिर परिसर में एक छोटा सा कुंड है, जिसमें स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

कैसे पहुँचे गसोता महादेव मंदिर?

निकटतम शहर: हमीरपुर (8 किलोमीटर)

सड़क मार्ग: हमीरपुर से मंदिर तक टैक्सी, बस या निजी वाहन से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

नजदीकी रेलवे स्टेशन: ऊना या कांगड़ा

नजदीकी एयरपोर्ट: गग्गल एयरपोर्ट, कांगड़ा

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *