चिट्टा तस्करी पर कड़ी कार्रवाई: गैर जमानती अपराध, उम्रकैद और जुर्माना की सजा प्रस्तावित

हिमाचल प्रदेश में चिट्टा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई: नया विधेयक लाने की तैयारी, उम्रकैद और जुर्माने का प्रावधान

हिमाचल प्रदेश में चिट्टा तस्करी को लेकर कड़ी कार्रवाई की तैयारी है। राज्य सरकार 10 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा बजट सत्र में सिक्किम की तर्ज पर एक नया विधेयक पारित कर सकती है। इस विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसके जरिए चिट्टा तस्करी और नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसा जाएगा।

सिक्किम में 2006 में लागू किए गए एंटी ड्रग एक्ट की तर्ज पर, हिमाचल प्रदेश में भी चिट्टा तस्करी को गैर जमानती अपराध बनाने का प्रस्ताव है। नए विधेयक के तहत तस्करों को 10 से 20 साल तक की सजा और न्यूनतम पांच लाख रुपये तक जुर्माना लगने का प्रावधान है। इसके अलावा, नशे का कारोबार करने वाली गैंग्स को उम्रकैद की सजा का भी प्रस्ताव किया जा सकता है।

चिट्टा तस्करी पर नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार पहले ही ताबड़तोड़ कार्रवाई और संपत्ति सीज करने के प्रयास कर चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, शिमला जिले में अकेले 1,500 परिवार चिट्टे की चपेट में हैं, और युवाओं की मौत के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।

साल 2024 में चिट्टा तस्करी के 835 मामले दर्ज हुए, और पुलिस ने कई तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन कड़े कानून के अभाव में आरोपी जमानत पर बाहर आ जाते हैं। इसी के मद्देनजर, अप्रैल 2023 के बजट सत्र में नशा तस्करी को गैर जमानती अपराध बनाने का संकल्प लिया गया था।

पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार चिट्टा तस्करी को रोकने के लिए सिक्किम की तरह एक मजबूत विधेयक तैयार कर रही है, जिससे इस अपराध पर और कड़ी कार्रवाई की जा सके।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *